जब चिंता सताने लगे तो चिंतन शुरू कर दें। चिंतन का अर्थ प्रभु का ध्यान। चिंतन बढेगा तो चिंता स्वत: समाप्त हो जाएगी। प्रभु का चिंतन हमें सशक्त कर देता है और फिर परिस्थितियां हमारे अनुकूल हो जाती हैं।
राम कथा हमारे जन्म जन्मांतर के पापों को जलाकर भस्म कर देती है और हममें सकारात्मक परिवर्तन लाती है। राम कथा के श्रवण मात्र से ही मानव की सारी कटुता मिट जाती है और दुखों का नाश होता है।
हमेंसमाज में सुई बनकर रहना चाहिए न कि कैची। कैची काटने का कार्य करती ह,ैजबकि सुई फटे वस्त्रों को सिलकर पहनने के योग्य बनाती है।