श्रीमद्भागवत पुराण में कथा आती है कि खट्वांग को दो घड़ी में भगवान् के दर्शन हो गये थे, यदि कोई भी व्यक्ति हर रोज़ नीचे लिखी तीनों प्रार्थनाओं को करे, जिसमें दो मिनट का समय लगता है, तो उसे निश्चित रूप से इसी जन्म में भगवद्-प्राप्ति हो जायेगी। यह तीनों प्रार्थनाएँ सभी ग्रंथों, वेदों तथा पुराणों का सार हैं।
पहली प्रार्थना
रात को सोते समय भगवान् से प्रार्थना करो –
हे मेरे प्राणनाथ गोविंद ! जब मेरी मौत आवे और मेरे अंतिम सांस के साथ, जब आप मेरे तन से बाहर निकलो तब आपका नाम उच्चारण करवा देना। भूल मत करना।
दूसरी प्रार्थना
प्रातःकाल उठते ही भगवान् से प्रार्थना करो –
हे मेरे प्राणनाथ ! इस समय से लेकर रात को सोने तक, मैं जो कुछ भी कर्म करूँ, वह सब आपका समझ कर ही करूँ और जब मैं भूल जाऊँ, तो मुझे याद करवा देना।
तीसरी प्रार्थना
प्रातःकाल स्नान इत्यादि करने तथा तिलक लगाने के बाद भगवान् से प्रार्थना करो –
हे मेरे प्राणनाथ ! गोविंद! आप कृपा करके मेरी दृष्टि ऐसी कर दीजिये कि मैं प्रत्येक कण-कण तथा प्राणीमात्र में आपका ही दर्शन करूँ।
आवश्यक सूचना
इन तीनों प्रार्थनाओं को तीन महीने लगातार करना बहुत जरूरी है। तीन महीने के बाद अपने आप अभ्यास हो जाने पर प्रार्थना करना स्वभाव बन जायेगा ॥