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प्रेम बिना हर रिश्ता अधूरा

 

 प्रेम के बिना हर रिश्ता अधूरा है। जो रिश्ते प्रेम की बुनियाद पर टिके होते हैं, वे चिरकाल तक अस्तित्व बनाए रखते हैं।  जो रिश्ते महज औपचारिकताओं तक सीमित रहते हैं, वे बालू के महलों की तरह ढह जाते हैं। प्रेम में साक्षात प्रभु विराजते हैं। पूरा विश्व भारत को धर्मगुरु के रूप में स्वीकारता आया है। यहां की युवा पीढी पश्चिम की चकाचौंध में अपनी गंगा-जमुनी संस्कृति से कटती जा रही है। रिश्ते नातों में दृढता रहनी चाहिए। रिश्ता वह हो जो जन्म-जन्मांतरों तक प्रेम की डोर से बंधा रहे। रिश्तों में आडंबर नहीं होना चाहिए। विराट भक्ति सत्संग के पहले दिन अनुयायियों की भारी भीड उमडी।

 

मानव जीवन में हर प्राणी के द्वारा जो अच्छे या बुरे कर्म किए जाते हैं, उनके अनुसार उनका फल भोगना पडता है। हमें अपनी कमाई का दो प्रतिशत भाग अच्छे कार्यो में लगाना चाहिए। जीवन में गुरु का विशेष महत्व है। इंसान जैसे कर्म करेगा वैसा ही भोगेगा तथा वैसे ही उनकी संतान होगी।

हर मनुष्य को जीवन में बाधाओं व चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए क्योंकि इसी का नाम जीवन है।

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