भारत की आजादी में प्रमुख भूमिका निभाने वाले क्रान्तिकारी सरदार भगत सिंह से जुडी कुछ महत्वपूर्ण यहां बताई जा रही है।
1. भगत सिंह 8 वर्ष की छोटी सी आयु में ही भारत की आजादी के बारे में सोचने लगे थे और मात्र 15 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना घर छोड़ दिया था।
2. भगत सिंह के माता-पिता ने जब उनकी शादी करवानी चाही तो वह कानपुर चले गए थे। उन्होंने अपने माता-पिता से कहा कि “अगर गुलाम भारत में मेरी शादी होगी तो मेरी दुल्हन मौत होगी।” इसके बाद वह “हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन” में शामिल हो गए थे।
3. भगत सिंह ने अंग्रेजों से कहा था कि “फांसी के बदले मुझे गोली मार देनी चाहिए” लेकिन अंग्रेजों ने इसे नहीं माना। इसका उल्लेख उन्होंने अपने अंतिम पत्र में किया है। इस पत्र में भगत सिंह ने लिखा था, चूंकि “मुझे युद्ध के दौरान गिरफ्तार किया गया है। इसलिए मेरे लिए फाँसी की सजा नहीं हो सकती है। मुझे एक तोप के मुंह में डालकर उड़ा दिया जाय।“
4. जेल में भगत सिंह ने 116 दिनों तक उपवास भी किया था। आश्चर्य की बात यह है कि इस दौरान वे अपने सभी काम जैसे- गायन, किताबें पढ़ना, लेखन, प्रतिदिन कोर्ट आना, इत्यादि नियमित रूप से करते थे।
5. ऐसा कहा जाता है कि भगत सिंह मुस्कुराते हुए फांसी के फंदे पर झूल गए थे। वास्तव में उन्होंने निडरता के साथ ऐसा इसलिए किया क्योंकि अपने इस अंतिम कार्य से वह "ब्रिटिश साम्राज्यवाद को नीचा” दिखाना चाहते थे।
6. ऐसा भी बताया जाता है कि कोई भी मजिस्ट्रेट भगत सिंह की फांसी की निगरानी करने के लिए तैयार नहीं था। मूल मृत्यु वारंट की समय सीमा समाप्त होने के बाद में एक मानद न्यायाधीश ने फांसी के आदेश पर दस्तखत किया और उसका निरीक्षण किया।
7. जब भगत सिंह की मां जेल में उनसे मिलने आई थी तो भगत सिंह जोरों से हँस पड़े थे। यह देखकर जेल के अधिकारी भौचक्के रह गए कि यह कैसा व्यक्ति है जो मौत के इतने करीब होने के बावजूद खुले दिल से हँस रहा है।