दुनिया में हर इंसान आनंद, सुख व शांति चाहता है। शांति और आनंद केवल और केवल भगवान के चरणों का सुमिरन करने से ही मिल सकता है।
अपनी प्रार्थना में कभी सांसारिक वस्तुओं की इच्छा न करे। भगवान से भगवान को ही मांगना सबसे बडी प्रार्थना है। प्रार्थना में सबका भला हो, सब सुखी रहें, सब की उन्नति और प्रगति की कामना रखें। प्रार्थना के साथ-साथ परिश्रम और पुरुषार्थ करने से ही सफलता प्राप्त होती है।
यह जीवन अनमोल है, उन्नत है और इसका लाभ प्रत्येक मानव जाति को उ ाना चाहिए। अपने जीवन को जीवंत बनाने के लिए जप, तप और साधना को अपनाना बहुत जरूरी है। प्रात:काल जब सूर्य अपनी लाली लेकर पूर्व दिशा में उदय हो, ओस की बूंदे घास पर मोती की तरह चमकती है, मानो जैसे मोती टिकाए गए हैं। पक्षियों के मधुर कं ों की आवाज गूंजती है, शीतल हवाओं के मधुर झोंके शरीर को स्पर्श करते हैं। इस समय कोई भगवान का लाडला स्नान करके आसन पर बै कर जाप करे, ध्यान करें, प्रार्थना करे, उसके नाम का संकीर्तन करे तो उसके जीवन में आनंद और शांति का वास होता है।