जीवन में अनेक परिस्थितियाँ ऐसी आती हैं, जब व्यक्ति को अनेक कारणों से भय उत्पन्न होता है । अनेक लोग, जो कमजोर मानसिक शक्ति वाले होते हैं , वे ऐसी परिस्थितियों में घबरा जाते हैं । उनका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसी स्थिति में वे विचलित हो कर कुछ भी कदम उठा सकते हैं, उठा भी लेते हैं। परंतु जीवन में कभी भी ऐसी परिस्थिति आए, तो घबराना नहीं चाहिए।
कबूतर यदि आंखें बंद कर ले, तो बिल्ली भाग नहीं जाएगी। ऐसा नहीं होगा कि बिल्ली कबूतर पर आक्रमण न करे। यदि कबूतर को बिल्ली से अपनी रक्षा करनी हो, तो उसे हिम्मत करनी होगी। आंखें खोलकर बिल्ली को देखना होगा, कि वह कहां से आक्रमण करने वाली है। उसका मुकाबला करना होगा। अपने पंख मारकर बिल्ली की पकड़ से बाहर निकल जाना होगा। तब उसकी रक्षा हो पाएगी।
ठीक इसी प्रकार से जो व्यक्ति कठिन परिस्थितियों में भय तथा उसके कारण पदार्थ से युद्ध करता है, वह कुछ समय में उस युद्ध को जीत जाता है। उसका भय भी समाप्त हो जाता है, तथा उस कारण से उसको हानि भी नहीं होती। इसलिए सदा उत्साहित रहें। डरें नहीं, घबराएँ नहीं, चिंता ना करें। भय और उसके कारण से युद्ध करके विजय प्राप्त करें।