संस्कृति किसी भी देश-राष्ट्र के लिये परम आवश्यक है, इसी पर सभी चीजे निर्भर करती है। संस्कृति के आधार पर ही राजनैतिक चिंतन ठीक हो सकता है।
यदि सांस्कृतिक आधारशिला कमजोर होगी तो राजनैतिक चिंतन भी ठीक नहीं हो सकता।
किसी भी समाज, देश और धर्मद का विकास राजनैतिक परिस्थिति से प्रभावित होती है।
संस्कृति से तात्पर्य संस्कारो से संबंध रखने वाली सभी चीजे।
आज हमारे देश कि संस्कृति बुरी तरह आहत हो चुकी है
संस्कृति को व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक स्तर पर उठाना होगा तभी एक सशक्त, प्रतिभाशाली और विकासशील देश की कल्पना की जा सकती है।
योग किसी देश, राष्ट्र अथवा समूदाय से नहीं अपितु मनुष्य से है, ये स्वस्थ के लिये उत्तम है और योग का सीधा सम्बंध भारत देश से है, योग को अपनाना भी अपने देश की गुणगान गाथा करना है।