Home » Article Collection » व्यक्तित्व उत्थान के लिए पढ़ें ये पुस्तकें

व्यक्तित्व उत्थान के लिए पढ़ें ये पुस्तकें

 
पुस्तकें मानव जीवन की उन्नति में एक महत्वपूर्ण सहायक और मार्गदर्शक की तरह से काम करती है। कहा भी जाता है कि हर रोज सुबह किसी अच्छी पुस्तक से कुछ पढ़ना व्यक्ति के आत्मविश्वास और ज्ञान में वृद्धि करता है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ सफल लोगो की सुबह का पुस्तकें हमेशा से हिस्सा रही है। यहाँ कुछ ऐसी ही पुस्तकों के विषय में बताया गया है, जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को आत्मविश्वास से भर देती है और उसके ज्ञान में वृद्धि करके उसके वयक्तित्व और चरित्र को शक्ति प्रदान करती है। 
 
यदि कोई किसी आध्यात्मिक गुरु को पढ़ना चाहता हैं तो उसे 'First and Last Freedom by J Krishnamurti' को पढ़ना चाहिए। इसी पुस्तक का हिंदी भाषा में अनुवाद 'प्रथम और अंतिम मुक्ति - जे. कृष्णमूर्ति' के नाम से आता है।
 
गौतम बुद्ध का जीवन और दर्शन आज के समय में एक अच्छा मार्गदर्शक साबित होता है जिसके लिए 'Old Path White Clouds by Thich Nhat Hanh' बहुत अच्छी पुस्तक है। जिसका हिंदी अनुवाद 'जहंं जहंं चरण परे गौतम के - तिक न्यात हन्ह' के नाम से उपलब्ध है।
 
'Practicing Mindfulness by Mark W Muesse' भी एक बहुत अच्छी पुस्तक है जो मनुष्य को सजगता के अभ्यास की विधियों के विषय में अवगत कराती  है।
 
'Siddhartha by Hermann Hesse' सिद्धार्थ की आध्यात्मिक यात्रा का वर्णन करने वाला बेहतरीन उपन्यास है। जिसका हिंदी भाषा में अनुवाद 'सिद्धार्थ - हरमन हेस' के नाम से आता है।
 
जो लोग अध्यात्म के विषय में अभी तक हुई वैज्ञानिक रिसर्च और इस विषय में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझना चाहते हैं। उनको निम्नलिखित तीन पुस्तकें अवश्य पढ़नी चाहिए हैं। जिनमें से पहली सबसे अधिक महत्वपूर्ण है :
 
1. Waking Up - A Guide to Spirituality Without Religion by Sam Harris
 
2. How Enlightenment Changes Your Brain : The New Brain Science of Transformation by Andrew Newberg
 
3. Why God won't Go Away by Andrew Newberg
 
वैसे तो अध्यात्म के विषय पर बहुत से ग्रंथ, व्याख्यान, पुस्तकें उपलब्ध है। जीवन मुक्ति के लिए सभी जगह एक मूलभूत सी बात कही जाती है और वह है व्यक्ति को अहंकार और सभी प्रकार के रागों तथा द्वेषों से मुक्त हो जाना चाहिए। परन्तु आज के इस भौतिकतावादी युग में सभी जगह इस मूल मान्यता के चारो और बहुत सी काल्पनिक-धार्मिक मान्यताओं का घेराव हो गया है। गुरुओं और ग्रंथों पर श्रद्धा, विश्वास और आस्था के कारण व्यक्ति उन बातों पर भी विश्वास कर लेता  हैं जो बिलकुल अतार्किक हैं और जिनकी प्रमाणिकता भी संदिग्ध है। अतः पाठक को पुस्तकें निष्पक्षता, सजगता, जिज्ञासा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ पढ़नी चाहिये।

Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com