रविवार के दिन श्याम शौच आदि के बाद अख़बार पढ़ रहा था तभी दरवाजे पर किसी ने नोक किया उसने देखा तो रमेश और मंजीत आए थे। ये दोनों श्याम के बहुत अच्छ दोस्त थे, श्याम ने काफी खुश होकर उनका स्वागत किया और बैठकर तीनों दोस्त बातें करने। कुछ समय पश्चात श्याम की पत्नी चाय-नाश्ता लेकर आ गयी। चाय नाश्ते के साथ में मित्र मंडली की बातें भी चलती रही। दोस्तों को बाहर तक छोड़के आने के बाद श्याम फिर से समाचार पढ़ने में जुट गया, कुछ देर बाद एक बार फिर से किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी। इस बार उसका साथी भावेश आया था।
दोनों लोग अन्दर आ गए और बाते करने लगे। अब दोनों पुराने साथी, साथ में थे तो श्याम से कहाँ भावेश की कोई भी बात छिपी थी। बस फिर क्या था, अपने चिर परिचित अंदाज में भावेश शुरू हो गया औरों की निंदा करने। श्याम ने बीच में भावेश को रोककर कहा। रहने दो ना यार भावेश तुम्हे तो पता है ना कि ऐसी बातें मुझे तो बिलकुल नहीं अच्छी लगती। किसी की पीठ के पीछे दूसरों की चुगली करना मतलब की अपना ही मुंह गंदा करना होता है। बस फिर क्या था, ये बात सुनकर भावेश क्रोधित हो गया और आक्रोशित होकर श्याम को ना जाने किन-किन अपशब्दों का प्रयोग करके लज्जित करने का प्रयास करने लगा।
क्योंकि भावेश उसके घर आया था तो श्याम अपने चेहरे पर हल्की सी हसीं बनाकर शान्त खड़ा रहा। आखिरकार खूब खरी खोटी सुनाकर अब भावेश शान्त हो चुका था। पहले तो भावेश ने आनाकानी की पर श्याम जैसे अच्छे दोस्त की बात भावेश कैसे टाल सकता था। इसलिए दोनों ने साथ चाय-नाश्ता किया और भावेश चलने के लिए उठा। दो कदम चलने के बाद भावेश रुका और फिर वापस मुडकर बोला यार श्याम एक बात बता। मैंने तुझे इतना बुरा भला कहा फिर भी तू ऐसे हालात में खुद को ऐसे चुप करके कैसे रख पाया।
श्याम अपने चेहरे की मुस्कान के साथ बोला मित्र मेरा काम अधिकतर रस्ते पर गाड़ी चलाने का है। जब मुझे कोई साईनबोर्ड दिखाई देता है भले ही वो कुछ पल के लिए दिखे, जिस पर लिखा होता है, "आगे मोड़ है, कृपया धीरे चलिए" और हम जीवन की रक्षा और सुरक्षित सफर के लिए अपनी स्पीड कम कर लेते है। बस साईनबोर्ड पर लिखी इस पंक्ति से मैंने काफी-कुछ सीखा है और अपने जीवन में उतारा है "कि आगे मोड है कृपया धीमे चले"।
श्याम बोला मेरे दोस्त 'रास्ते एक जीवन की तरह है और हालत उसमें पड़ने वाले मोड़' अब भावेश लज्जित सा हो गया था उसने तभी श्याम से क्षमा मांगी और कसम खाई कि आगे से वो कभी पीठ पीछे किसी की बुराई नही करेगा। साथ ही ऐसी परिस्थितियों मे वो श्याम की तरह "आगे मोड है कृपया धीमे चले"वाली फिलॉसफी इम्प्लीमेंट करने की कोशिस करेगा।