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सत्संग से जागता है सौभाग्य

 

सुख-दुख, लाभ-हानि, बचपन, जवानी और बुढापा आते हैं, और जाते हैं, लेकिन जो इन सबको जानने वाला है। वह कभी नहीं जाता, वही आत्मा-परमात्मा है, वही भगवान है। वास्तव में भगवान ही हमारे हैं। भगवान न दूर हैं, न दुर्लभ हैं, बाद में मिलेंगे ऐसा भी नहीं है।

 ओमकारसबसे ोस तत्व है। ओमकार परमात्मा की स्वाभाविक ध्वनि है, ओमकार मंत्र सभी मंत्रों का सेतु है। यंत्र से भी मंत्र अधिक प्रभावशाली होता है। प्रतिदिन शांत बै कर ओमकार मंत्र का जाप करने से सभी कार्र्योमें सफलता मिलती है।

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