ऐसा कौन है जिस के जीवन में कोई समस्या नहीं आयी हो? परेशानियाँ, दिक्कतें तो हर किसी की जिंदगी में आती हैं। संसार में कुछ लोग होते है जो जरा सी तकलीफ के आ जाने पर ही बेचैन हो जाते हैं, हार मान लेते हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी होते है जो समस्याओं से परेशान नहीं होते, चुनौतियों को अवसर की तरह से लेते है उसका डटकर सामना करते हैं, और फिर उनसे जीत भी जाते हैं।
यदि जिंदगी में तकलीफें नहीं आएंगी, तो व्यक्ति में शक्ति और सदगुणों का विकास ही नहीं हो पायेगा। ये समस्याएं ही सामर्थ्य और साहस का निर्माण करती हैं। व्यक्ति में जूझने की शक्ति में वृद्धि करती हैं। जिस प्रकार रात्रि में अंधेरा हो जाने पर सितारे चमकते लगते हैं। सितारे तो दिखाई ही रात्रि के अन्धकार में देते हैं। दिन में तो सूर्य के प्रकाश में कभी भी उनका पता ही नहीं चलता है। यदि दिन और सुख जीवन में सदैव रहे, हमेशा दिन की रोशनी ही बनी रहे, तो उन सितारों का तो कोई मूल्य ही नहीं रहेगा, जो दिन में नहीं दिखते है।
क्योंकि रात्रि में अंधकार होता है, तभी उनकी चमक सभी को सुंदर और आकर्षक लगती है। इसी प्रकार परिश्रमी, जुझारू और मेहनती लोग कठिनाइयों से जूझकर दुनिया में रात के तारों की तरह चमक उठते है। इसलिए व्यक्ति को कभी भी उदास, निराश, बुझे हुए से, टूटे हुए सितारे की तरह से नही जीना चाहिए। बल्कि अँधेरी रात का एक चमकता हुआ सितारा बनकर जीना चाहिए। समस्याओं से संघर्ष करके, उनसे जीतकर, और चमकते हुए सितारे की तरह के व्यक्तित्व को ही दुनिया पसंद करती है। तथा इसी में मनुष्य जीवन की सार्थकता का निहितार्थ छिपा है।