सुख-संपत्ति और वैभव पाने की होड में इंसान मशीन बन चुका है, पर आपाधापीके माहौल में वह शांति से कोसों दूर निकल गया है। यह अशांति इंसान को तनाव के जंजाल में ले गई है। जिंदगी के यही तनाव हृदय आघात का कारण बनते हैं।
तनाव से मुक्ति पाने को इंसान येन-केन-प्रकारेण तौर-तरीका आजमा रहा है, पर उसे शांति नहीं मिल रही।
प्रभु का ध्यान हर प्रकार की बीमारी का मूल है, इससे मन का शांति-सुकून तो मिलता ही है, सच्चे आनंद की भी प्राप्ति होती है।