राम जी के सभी तीर्थ हनुमान जी के पावन धाम हैं। उनमें श्रेष्ठ है काशी विश्वनाथ व्यक्तिगत मंदिर, मीर घाट, वाराणसी वहाँ विराजमान है भगवान विश्वनाथ उर्फ़ शंकर भगवान् गुरु श्री रामभद्र जी के, जो की गुरु और स्वामी हैं हनुमान जी के। केवल शिव-भक्त शनि भगवान् कह दो, सारे दोष दूर। अधिक मानना चाहो तो जपो राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥ राम जी प्रसन्न तो शिव प्रसन्न हो ही जाएँ और वही हैं गुरु जी शनि भगवान् के। नारायण।