Home » Lal Kitab Remedies » लालकिताब के मूल सिद्धान्त

लालकिताब के मूल सिद्धान्त

लालकिताब के अन्दर तीन सिद्धान्त अपनी प्रबल मान्यता रखते है,पहला यह कि इस अनन्त ब्रह्मान्ड में सर्वशक्ति ईश्वर की ही सत्ता है,उसके बिना पत्ता भी नही हिलता है,अनन्त आकाश में भ्रमण करने वाले अनन्त ग्रह भी उसी की सत्ता के आधीन है,जो नौ ग्रह पहिचाने गये है,वह काम ईश्वर के द्वारा ही दिया गया है,और उन नौ ग्रहों की सत्ता के आधिकार में जो क्षेत्र आते है वे इस प्रकार से हैं- बुध विस्तार और व्यापकता का भाव देता है,राहु बुध का सहयोगी और मित्र है,देखने में नीला दिखाई देता है,लेकिन उसका विस्तार कितना है,किसी ने आजतक उसे नाप नही पाया है,जितने पास जाने की कोशिश की जाती है,वह उतनी दी दूर होता चला जाता है,सूर्य प्रकाश का दाता है,शनि को लालकिताब में अन्धकार के रूप में माना जाता है,और हर इन्सान को किसी न किसी प्रकार के अन्धेरे से लडना होता है,उसी लडाई का नाम ही कार्य है,गुरु हवा का कारक है,जब तक जीव के अन्दर प्रवाहित होती रहती है,वह जिन्दा माना जाता है,और जैसे ही अपना स्वप्रवाह बन्द हो जाता है,जीव मृत्यु को प्राप्त हो जाता है,शुक्र पाताल के रूप में जाना जाता है,जमीन के अन्दर क्या है,किसी को पता नही है,कितनी गहराई पर क्या छुपा बैठा है,यह सब मेहनत के बाद ही पता चलता है,केतु को शुक्र का सहयोगी माना जाता है,चन्द्रमा को धरती माना गया है,इसके द्वारा ही किसी भी जीव का जन्म और आगे के जीवन के बारे में जाना जा सकता है,मंगल अपना पराक्रम दिखाने वाला पूंछ वाला सितारा कहा गया है,इसके पराक्रम के बिना कोई भी कार्य संभव नही है.

लालकिताब का दूसरा सिद्धान्त है कि जब इन्सान जमीन पर पैदा होता है,तो अपने साथ अपना भाग्य मुट्टी के अन्दर बन्द करके लाता है,जो वह अपनी हथेली पर लिखाकर लाया है,उसे कोई बदल नही सकता है,केवल बदल सकता है,तो रास्ता बदल सकता है,जिस प्रकार से किसी नदी का पानी बह रहा है,उसका काम तो बहना ही है,अगर उस पानी को रोक कर और बान्ध बना कर उस पानी को नहरों द्वारा मोड कर दूसरी जगहों पर ले जाया जाये,और पानी को नीचे गिराकर उससे बडे बडे टरबाइन चलाकर मशीने या बिजली बनाकर उस नदी के पानी का सदुपयोग किया जाय,अगर किसी प्रकार से कोई किसी का भाग्य बदलने की कोशिश करता है,तो उसे अपनी उसके स्थान पर बलि देनी पडती है,कुन्डली में दो प्रकार के प्रभाव सामने आते है,एक तो सामने होते है,और दूसरे शक के दायरे में होते है,सितारा तो कहता है कि जातक को राज-योग है,लेकिन जातक को भीख मांग कर अपनी जिन्दगी को चलाना पड रहा है,जो भी निश्चित प्रभाव होता है,वही भाग्य का संकेत देता है,और वही अटल होता है,जब तक किसी प्रकार से किसी देश काल और परिस्थति का अध्ययन नही कर लिया जाता निश्चित कथन नही किया जा सकता है,कारण कि देश काल और परिस्थति के अनुसार कुछ दिखाई दे रहा होता है,और होता कुछ और ही है,लालकिताब ने साफ़ कहा है,कि ईश्वर के अलावा इस संसार में कोई नही है,जो तात्कालिक समस्या का हूबहू बखान कर दे,अगर कोई कह सकता है,तो उसके अन्दर किसी न किसी प्रकार से ईश्वर ही विराजमान है.

ग्रहों का शक वाला क्षेत्र हमेशा के लिये स्थिर नही होता है,उस प्रभाव को लालकिताब के उपायों के द्वारा दूर किया जा सकता है,ग्रह गोचर के द्वारा या अपनी वास्तविक युति के द्वारा प्रभाव देते है,यह युति जब खराब होती है,तो अनिष्ट भी होना जरूरी होता है,ग्रहों के द्वारा दिये जाने वाले गलत प्रभावों को जानने के लिये जन्म कुन्डली की जरूरत तब पडती है,या तो जातक दूर होता है,या जातक किसी प्रकार से अपनी दिक्कतों को रूबरू होकर बता नही सकता है,वरना दिक्कतों के द्वारा ही कष्ट का निवारण देखा जाता है,अधिक सूक्षमता से जानने के लिये भी कुन्डली की जरूरत पडती है,अधिकतर जातकों का स्वभाव होता है,कि अपनी दिक्कत को बताने की अपेक्षा ज्योतिषी की परख करते है,और जन्म तारीख को बताकर जानना चाहते है,कि वह क्या है,और किस प्रकार की जानकारी चाहता है,या वह किस परेशानी से गुजर रहा है,यह सब उसके पास रहने वाला ज्योतिषी अधिक बता सकता है,कारण वह उस स्थान की जलवायु और रहन सहन की परिस्थिति को भली भांति जानता है.यह तब भी संभव है,जबकि दूर का ज्योतिषी अगर किसी प्रकार से उस जलवायु से गुजर चुका है.सबसे पहले जो कार्य है वह है जातक की कुन्डली की जानकारी करना,किस प्रकार से कुन्डली की परीक्षा करते है,उसका विवेचन आगे के अध्याय में देना उचित रहेगा.

 

 
 
 
Comments:
 
Posted Comments
 
" लाल किताब एक अनोखी पुस्तक है मेरा मानना यदि व्यक्ति काम करे दूसरो के प्र ति सत्य व्यबहार करे उसको टोटका करने की जरूरत ही नही है! "
Posted By:  विनोद परिहार
 
 
 
 
UPCOMING EVENTS
  Vivah Panchami 2024, 6 December 2024, Friday
  Krishna Janmashtami 2025, 16 August 2025, Saturday
  Dhanteras 2025, 18 October 2025, Saturday
 
 
Free Numerology
Enter Your Name :
Enter Your Date of Birth :
Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com