व्रत के दिनों में सामान्य आटे के स्थान पर कुट्टू के आटे (buckwheat flour) या सिंघाड़े के आटे का प्रयोग किया जाता है.
कुटू के आटे को अकेला गूंथा नहीं जाता इसलिये इसे गूंथने के लिये अरबी या आलू मिला लेते है, जिससे ये आसानी से गूंथ कर बेला जा सकता है. आलू या अरबी मिलाने से पूरियां खस्ता भी बनतीं है.
कूटू के आटे को किसी बर्तन में छान कर निकाल लीजिये, आलू या अरबी को उबालिये, छीलिये मैस कीजिये, आटे में मिलाइये, सैंधा नमक, आधा छोटी चम्मच कालीमिर्च और एक टेबल स्पून हरा धनिया मिलाइये. सभी चीजों को मिलाते हुये सख्त पूरी के आटे जैसा आटा गूथिये.
. गुंथे हुये 15-20 मिनिट के लिये सैट होने के लिये ढककर रख दीजिये.
अब गुथे हुये आटे से छोटी छोटी लोइया यानी गोले बना कर रख लीजिये.
कढ़ाई में तेल डाल कर गरम कीजिये. एक गोला उठाइये, कूटू के सूखे आटे में लपेटिये और चकले पर रख कर 2 1/2 या 3 इंच के व्यास में बड़ा लीजिये. पूरी को गरम तेल में डालिये, पलट कर दोनों तरफ ब्राउन होने तक तलिये. प्लेट में नैपकिन पेपर बिछा कर, पूरी निकाल कर उसके ऊपर रखिये. सारी पूरी इसी तरह तल कर तैयार कर लीजिये.
कूटू के आटे की पूरियां तैयार हैं. गरमा गरम पूरियां फ्राई आलू या दही के साथ खाइये.