आलू को धोकर उबाल लीजिये। ठंडा करिये और छील लीजिये। आलू को बारीक तोड़ लीजिये या कद्दूकस कर लीजिये। इनमें सिघांड़े का आटा, स्वादानुसार सेंधा नमक, आधा छोटी चम्मच काली मिर्च, इलाइची के दाने और हरा धनियां डाल कर, अच्छी तरह मसल मसल कर आटे की तरह गूथ लीजिये।
दही को फैट लीजिये। फैटे हुये दही में स्वादानुसार सेंधा नमक और आधा छोटी चम्मच काली मिर्च डाल कर मिला दीजिये। कढ़ाई में घी डाल कर गरम कीजिये। एक साफ रूमाल या कपड़ा पानी में भिगो लीजिये। भीगे कपड़े को कटोरी के ऊपरी भाग पर लगायें और कपड़े को पीछे से पकड़ कर रखें। आलू के आटे से थोड़ा सा आटा लेकर गोला बनायें। भीगे कपड़े के ऊपर रखकर पानी के सहारे चपटा करके कढाई में डाल दें। एक बार में 4-5 बड़े बना कर कढ़ाई में डाल दीजिये। बड़ों को पलट पलट कर ब्राउन होने तक सेकिये।
सेंकने के बाद बड़ों को कढ़ाई से निकाल कर दही में डुबा दीजिये। आपके फलाहारी (आलू सिंघाड़ा) दही बड़ा तैयार है। फलाहारी दही बड़ों को बाउल में लगा लीजिये। हरा धनियां ऊपर से डालकर सजाइये। स्वादिष्ट फलाहारी दही बड़े अपने ब्रत के खाने के समय परोसिये और खाइये।
आप सूखे दही बड़े भी खाने में स्वादिष्ट लगते हैं, तो जितने आपको सूखे दही बड़े खाने हों, उतने दही बड़े सूखे रख लीजिये और जितने दही में डुबाने हों दही में डुबा लीजिये।