मनुष्य को जीवन में कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। अभिमानी मनुष्य का पतन शीघ्र हो जाता है। भगवान श्रीकृष्ण ने महारास रचा कर कामदेव के अभिमान को चूर किया। मथुरा में कंस जैसे अभिमानी-अत्याचारी का नाश किया। गिरिराज पर्वत को सात दिन तक अपनी अंगुली पर धारण कर इंद्र के अभिमान को नष्ट किया।
अभिमान मनुष्य के लिए सर्वथा अनुचित है। चाहे धन, विद्या अथवा बल का हो। जिस प्रकार दया धर्म की जड है, उसी प्रकार पाप की जड अभिमान है।