पीला कपड़ा 1 मीटर, 7 पीले जनेऊ, 7 हल्दी की गांठें साबुत, 7 पीले फूल, 7 गुड़ की डली छोटी-छोटी, 250 ग्राम चने की दाल (पीली), 7 ताम्बे के पैसे (पुराने सिक्के), पार्वती जी का हार-शृंगार का सामान (चूड़ी, चुनरी, बिंदी , मांग का सिंदूर इत्यादि परांदी), शुक्लपक्ष वीरवार को शिव परिवार के मंदिर जाकर नंदी, गणेश, शंकर जी का पंचामृत से पूजन करके पार्वती जी का पूजन करके लाया हुआ सारा सामान उनके आगे रख कर (पीले कपड़े के ऊपर सारा सामान रख दें।
अति श्रद्धा भाव से मां को शीघ्र से शीघ्र अच्छा वर प्राप्त होने की कामना करें। इसके साथ एक माला (108 मनके वाली) से
ओमह्नींश्रींकात्यायनीस्वाहा का जाप करें। उपरांत पार्वती जी के आगे पीले वस्त्र पर रखा सारा सामान इकट्ठा कर पोटली बांध कर, घर लाकर मंदिर या उचित साफ जगह पर स्थापित कर दें।
नित्य एक माला पूर्व की ओर पीले आसन पर बैठ कर 40 दिन जाप करें (किसी भी समय अति विश्वास से) 41वें दिन पीले वस्त्र में बंधी पोटली जलप्रवाह करें या मंदिर में रख आए। यह अति अचूक उपाय है।