हिन्दू धर्म में शनि देव को मनुष्यों के कर्मो का दंड देने वाले न्यायाधीश कहा जाता हैं। वे सभी मनुष्य के अच्छे और बुरे कर्मो का फल देते हैं। अगर आपको शनि दोष हैं और आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं? तो आज हम आपको शनी देव को मनाने के लिए ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं, जिन्हें अपनाने पर शनि देव आप पर प्रसन्न हो जायेंगे और आपके आपके जीवन से दुःख, कलेश, असफलता आदि को दूर करेंगे और अपनी कृपा आप पर बरसाएंगे।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप आप शनिवार के दिन शनि देव का पूजन करे। इसके अलावा निचे बताये गये कोई भी उपाय शनिवार के दिन से शुरू करे। शनि देव को अगर अपनी भक्ति और ज्योतिष उपाय से प्रसन्न कर लिया जाये तो व्यक्ति के सभी दुःख, कष्ट सभी का निवारण हो जाता हैं।
वैसे भी शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए सबसे उत्तम और सरल उपाय यह हैं की आप बुरे कर्म न करे, बल्कि अच्छे कर्म करे। आप हमेशा याद रखे की शनि देव शत्रु नहीं हैं, वे आपके मित्र हैं। लेकिन बुरे कर्म करने वाले लोगो को दंड देने के मामले में वे तनिक भी दया नहीं करते हैं, लेकिन अच्छे कर्म करने वाले लोगो के भाग्य को बदल देते हैं और उन्हें और भी ज्यादा शुभ फल देते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप उनका पूजन और व्रत शनिवार के दिन जरूर करे।
इसलिए शनि की दशा या साढ़े साती लगते ही व्यक्ति को अपने कर्मो के अनुसार फल भुगतना पड़ता हैं। जैसे व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्म होते हैं, वैसे ही उसका फल उसको भोगना पड़ता हैं। लेकिन कुछ उपाय करके आप शनी देव को प्रसन्न कर सकते हैं।
शनि देव को प्रसन्न करने के सरल और आसान उपाय क्या हैं?
1. शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करे और उस पेड़ पर सरसों का तेल चढ़ाये। ऐसा करने से शनि देव आप पर जल्दी खुश हो जाते हैं और आप पर कृपा करते हैं। लेकिन यह उपाय आपको सूर्योदय से पहले करना चाहिए, क्योंकि सूर्योदय से पहले पीपल की पूजा करने पर शनिदेव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
2. शनिवार के दिन स्नान करके शनिदेव की पूजा करे और काले तिल मिलाये हुए सरसों के तेल से शनिदेव का अभिषेक करे। उसके बाद शनि देव के 108 नामो का सिमरन करे और शनिदेव से अपने दुःखो को दूर करने के लिए प्राथना करे। इस उपाय को करने से आपके सभी प्रकार के और बड़े से बड़े संकट दूर हो जाते हैं और आपकी मनवांछित इच्छा के पूरा होने के योग भी बनते हैं।
3. हर शनिवार के दिन बंदरो को गुड़ और काले चने के अलावा केला और मीठी लोई खिलाने से शनिदेव के अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायता मिलती हैं।
4. शनिवार के दिन स्नान करने के बाद साफ कपडे पहने और पीपल की जड़ में केसर, चावल, चन्दन और फूल मिलकर जल चढ़ाये। उसके बाद तिल का दिपक जलाकर नीचे लिखे मंत्र का जाप करे :-
मंत्र: आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्
देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:
विश्वाय विश्वेश्वराय विश्वसम्भवाय विश्वपतये गोविन्दाय नमो नम:
फिर पीपल की परिक्रमा करे और धुप, दिपक जला कर आरती करे। और बचा हुआ पानी घर में लाकर छिड़क दे। इस उपाय को विधिवत करने से शनिदेव बहुत ही शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं और इससे घर की सभी नकारात्मक उर्जा ख़त्म होने लगती हैं।
5. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए आप काले रंग की गाय की पूजा करे। काले रंग की गाय के माथे पर तिलक लगाये और उसके सींग पर पवित्र धागा बांधे, फिर उसे धूप दिखाए। फिर गाय की आरती करे और अंत में गाय की परिक्रमा करने के बाद उसे चार बूंदी के लड्डू खिलाये। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती के सभी बुरे प्रभाव कम होने लगते हैं।
6. उड़द की दाल को पीसकर आटा बनाये और इस आटे को गूंथ ले और इसकी छोटी-छोटी गोलियां बना कर मछलियों को खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
7. शनिदेव को खुश करने के लिए आप लगातार 43 दिन तक सूरज के उगने के समय शनिदेव की मूर्ति पर तेल चढ़ाये। लेकिन शनिदेव पर तेल चढाने का यह उपाय शनिवार के दिन से शुरू करनी चाहिए।
8. शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि का प्रकोप कम होने लगता हैं। शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करके उन्हें चमेली के तेल में सिंदूर मिला कर चोला चढ़ाए। लाल गुलाब के फूल अर्पण करे और चूरमे के लड्डूओं का भोग लगाये। इसके अलावा केवड़े के इत्र का छिड़काव हनुमान जी के कंधो पर करे। हनुमान जी की पूजा करने के बाद उनसे अपने कष्टों और दुःखो को दूर करने के लिए प्राथना करे। इस उपाय को करने से शनि दोष दूर होता हैं। अगर आप पर शनि देव का बुरा प्रभाव ज्यादा हैं तो इस उपाय को हर शनिवार तक तब तक करने रहे जबतक आपकी सभी समस्याएं खत्म नहीं हो जाती हैं।
9. शनिवार के दिन चोकर वाले आटे को बिना छाने उसकी 2 रोटीयां बनाये। एक रोटी पर सरसों का तेल और मिठाई और दूसरी रोटी पर घी रखे। पहली रोटी को (तेल मिठाई वाली) को काली गाय को खिलाये, जब काली गाय वह रोटी खा ले तो उसके बाद फिर उसी गाय को दूसरी रोटी (घी वाली) खिलाये। उसके बाद शनि देव से अपने कष्टों को नष्ट करने की प्राथना करे।
10. अगर आप शनि को प्रसन्न करना चाहते हैं तो शुक्रवार की रात काला चना पानी में भिगोएं। शनिवार को वह काला चना, जला हुआ कोयला, हल्दी और लोहे का एक टुकड़ा लें और एक काले कपड़े में उन्हें एक साथ बांध लें। पोटली को बहते हुए पानी में फेंके जिसमें मछलियां हों। इसे प्रक्रिया को एक साल तक हर शनिवार दोहराएं। यह शनि के अशुभ प्रभाव के कारण उत्पन्न हुई बाधाओं को समाप्त कर देगा।
11. शनिवार को शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों का दिपक जलाये और पेड़ के 7 चक्कर लगाये। पूजा करने के बाद काले कुत्ते को 7 लड्डू खिलाये, इससे शनि देव आप पर प्रसन्न हो जायेंगे और आपको शान्ति और समृद्धि प्रदान करते हैं।
12. शुक्रवार की रात को सवा-सवा किलो काले चने तीन अलग-अलग बर्तनों में भिगोकर रख दें। अगले दिन सुबह स्नान-ध्यान आदि से निवृत्त होकर शनिदेव का पूजन करें। इसके बाद काले चने का सरसों के तेल में छौंक लगाकर शनिदेव को भोग लगाएं तथा अपनी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। अब पहला बर्तन के सवा किलो चने भैंसे को खिला दें। दूसरे बर्तन वाले सवा किलो चने कुष्ठरोगियों को दान दें तथा तीसरे बर्तन वाले सवा किलो चने मछलियों को खिलादें। इस उपाय से शनिदेव तुरंत प्रसन्न होते हैं और भाग्य अनुकूल बनता है।
13. शनिवार के दिन कुष्ट रोगियों को खाना खिलाने और शनि की वस्तुएं जैसे की काले जूते, चप्पल, काली छतरी, लोहे, कपड़े, पलंग आदि का दान करने से शनिदेव की कृपा मिलती हैं। दान करने के साथ कुछ दक्षिणा भी जरूर देनी चाहिए।
14. शनिवार के दिन आप अपने हाथ की लंबाई का 19 गुणा लंबा एक काला धागा लें उसे एक माला के रूप में बनाकर अपने गले में धारण करें। यह अच्छा परिणाम देगा और भगवान शनि को आप पर कृपावान बनाएगा।
15. शनिवार को एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना चेहरा देख कर डाकोत (शनि का दान लेने वाला) को दान कर दें। साथ ही एक काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर उसे भी डाकोत को दे दें। साथ ही कुछ दक्षिणा भी दें। ये उपाय अन्य किसी शनिवार को भी कर सकते है।
16. शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष के चारों ओर सात बार कच्चा सूत लपेटें इस दौरान शनि मंत्र का जाप करते रहना चाहिए, यह आपकी साढ़ेसाती की सभी परेशानियों को दूर ले जाता है। धागा लपेटने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक जलाना अनिवार्य है। साढ़ेसाती के प्रकोप से बचने के लिए इस दिन उपवास रखने वाले व्यक्ति को दिन में एक बार नमक विहीन भोजन करना चाहिए।
17. इस तरीके से भी आप शनि देव को प्रसन्न रख सकते हैं, घोड़े की नाल शनिवार को किसी लोहार के यहां से इसे अंगूठी की तरह बनवा लें। शुक्रवार की रात इसे कच्चे दूध या साफ पानी में डूबा कर रख दें। शनिवार की सुबह उस अंगूठी को अपने बाएं हाथ की मध्यमा में पहन लें। यह आपको तत्काल परिणाम देगा।
18. शनिवार के दिन काले घोड़े की नाल या समुद्री नाव की कील से लोहे की अंगूठी बनवाएं। इस अंगूठी को तिल के तेल में रखें तथा शनिमंत्र का 23000 जप करने के बाद मध्यमा अंगुली में पहनें। इस उपाय से शनि की दशा में विशेष लाभ होता है।