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भक्ति में नहीं होना चाहिए दिखावा

 

भक्ति में नहीं होना चाहिए दिखावा-

मनुष्य का मन अच्छाई में देर से व बुराइयों में जल्दी लग जाता है। जिसने अपने मन व इंद्रियों पर काबू पा लिया, वह प्रभु का सच्चा भक्त है। भगवान की भक्ति में दिखावा नहीं बल्कि दीनता व नम्रता चाहिए। यह चीज जिस भी व्यक्ति के अंदर पैदा हो गई, समझो वह भगवान की भक्ति के बहुत ही निकट पहुंच गया है।

 आडंबर व दिखावे से नहीं, बल्कि भगवान की प्राप्ति कमजोर व दीन-दुखी की सेवा करने से होती है।

 


 

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