Home » Lal Kitab Remedies » इन उपायों से दूर होंगे कुंडली के पितृदोष

इन उपायों से दूर होंगे कुंडली के पितृदोष

ज्योतिष में पितृदोष का बहुत महत्व है प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में पितृदोष सबसे बड़ा दोष माना गया है इससे पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है जिनकी कुंडली में यह दोष होता है उसे धन अभाव से लेकर मानसिक क्लेश तक का सामना करना पड़ता है अगर जन्मकुंडली में पितृदोष है तो जीवन में अशांति बनी रहती है |

पितृदोष कुंडली में तब बनता है जब नवम भाव में राहु केतु शनि अथवा मंगल अपनी नीचे की राशि में बैठा हो नवमेश के साथ इन ग्रहों की युति बन रही हो, पितृ दोष होने पर व्यक्ति कितनी भी मेहनत कर ले कामयाबी उससे दूर ही रहती है |

पितृपक्ष के 15 दिनों तक जो व्यक्ति अपने पितरों को श्रद्धापूर्वक अन्न-जल भेंट करते हैं और उनके नाम से ब्राह्मणो को भोजन कराते हैं वे पितरों के आशीर्वाद से पितृदोष से मुक्त हो जाते हैं जो लोग पितृपक्ष में पितरों का श्राद्ध नहीं करते हैं उनकी संतान की कुंडली में पितृदोष लगता है और अगले जन्म में वह भी पितृदोष से पीड़ित होकर कष्ट प्राप्त करते हैं |

पंचग्रास उपाय से मिलेगी मुक्त पितृदोष से मुक्ति |

  • पंचग्रास उपाय सबसे आसान उपाय है पंचग्रास बनाने की विधि पितरों के निम्न भोजन बनाकर उसके पांच भाग कर लें प्रत्येक भाग में जौ और तिल मिलाएं और प्रथम भाग गाय को खिलाएं |

  • दूसरा भाग कौए को दें |

  • तीसरा भाग बिल्ली को दें |

  • चौथा भाग कुत्ते को खिलाएं |

  • पांचवां हिस्सा सुनसान स्थान में रखकर आएं लौटते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें घर वापस आने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं

  • भोजन में इस बात का ध्यान रखें कि जो वस्तुएं आपके पितरों को जीवित अवस्था में पसंद थीं उन वस्तुओं को अवश्य परोसें अगर ब्राह्मण भोजन करवाने में आप असमर्थ हैं तो पितृपक्ष के 15 दिनों तक गाय को घांस खिलाएं और पानी पिलाएं ऐसा करने से पितरों को मुक्ति मिल जाती है और पितृ दोष समाप्त हो जाता|

 
 
 
Comments:
 
 
 
 
UPCOMING EVENTS
  Akshaya Tritiya, 10 May 2024, Friday
  Parshuram Jayanti, 10 May 2024, Friday
  Buddha Purnima, 23 May 2024, Thursday
  Narada Jayanti, 24 May 2024, Friday
  Vat Savitri Vrat, 6 June 2024, Thursday
  Shani Jayanti, 6 June 2024, Thursday
 
 
Free Numerology
Enter Your Name :
Enter Your Date of Birth :
Copyright © MyGuru.in. All Rights Reserved.
Site By rpgwebsolutions.com