रत्न- शनि के शुभत्व में वृद्धि हेतु नीलम रत्न धारण किया जाता है।(किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह लेकर)
- भगवान भैरव की आराधना करें।
- मां काली की आराधना करें।
- शनिदेव का 1 किलो सरसों के तेल से अभिषेक करें शनिवार को।
- लोहे की कटोरी में सरसों तेल में अपना चेहरा देखकर दान करें।यही छाया दान है।
- शनिवार को किसी बर्तन में तेल भरकर अपना चेहरा देखें, बर्तन को जमीन में दबा दें।
- 43 दिन तक लगातार शनि मंदिर में जाकर नीले पुष्प चढ़ायें।
- कौवे या सांप को दूध, चावल खिलायें।
- जल में दूध मिलाकर लकड़ी या पत्थर पर बैठकर स्नान करें।
- पानी में सौंफ, खिल्ला या लोबान मिलाकर स्नान करें।
- नीले रंग के कपड़ों का अधिक प्रयोग करें।
- शनिवार के दिन अपंग, नेत्रहीन, कोढ़ी, अत्यंत वृद्ध या गली के कुत्ताें को खाने की सामग्री दें।
- पीपल या शम्मी पेड़ के नीचे शनिवार संध्याकाल में तिल का दीपक जलाएं।
- लोहे का छल्ला मध्यम अंगुली में शनिवार से धारण करें।
- घर के या पड़ोस के बुजुर्गो की सेवा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- शम्मी की जड़ काले कपड़े में बांह में बांधें।
- वैदिक विधि से शनि का उपाय।
- वैदिक मंत्र- ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंय्यो रभिस्त्रवन्तु नः।
- पौराणिक मंत्र- ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
- शनि का तंत्रोक्त मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।जप संख्या- 23000।
- शनि गायत्री- ॐ भग्भवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी:प्रचोदयात।
- शनि के दान की वस्तुएं- लोहा, तिल, उड़द, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काली गाय, कुल्थी, लौह निर्मित पात्र, जूता, भैंस, कस्तूरी, सुवर्ण, नारियल, काले अथवा नीले पुष्प।
- शनिवार का व्रत रखना चाहिए।
- शिव स्तोत्र व शनि स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
- शनि यंत्र धारण करना चाहिए।
- हनुमान जी की उपासना से भी लाभ होता है। पक्षियों व मछलियों को आटा डालना व मांसादि का परहेज करना चाहिए।
- इसमे से जो आप कर सकते हो करके शनि ग्रह से प्राप्त पीड़ा को दूर कर सकते है।